प्रार्थना गीत
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो
छाने लगे हैं मन में अंधकार के बादल,
और वर्षों सा बीत रहा है एक एक पल,
अब तो सुध लो राम उद्धार करो।
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
ज्वाला जग में धधक रही है प्रलयकारी,
लाशो के अब ढेर लगे हैं फैली महामारी,
करते हो हर बार फिर से उपकार करो।
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
जबाब दे गई हिम्मत अब हार रहा मन,
अस्थियों का पुतला बन के रह गया तन,
बचे हुये साहस का अब विस्तार करो
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
सूनी लगती है धरा जीवन सुबक गया है,
अन्धकार के डर से उजियारा दुबक गया है,
नय सूर्योदय से नयी उर्जा का संचार करो।
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
मानव ही शत्रु बना है मनवता का,
अन्श मिटाने चले हैं वो अब नेैतिकता का,
इन दुराचारी राक्षसों का संहार करो।
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
अब तो सुध लो राम उद्धार करो।।
प्रार्थना गीत
छाने लगे हैं मन में अंधकार के बादल,
और वर्षों सा बीत रहा है एक एक पल,
अब तो सुध लो राम उद्धार करो।
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
ज्वाला जग में धधक रही है प्रलयकारी,
लाशो के अब ढेर लगे हैं फैली महामारी,
करते हो हर बार फिर से उपकार करो।
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
जबाब दे गई हिम्मत अब हार रहा मन,
अस्थियों का पुतला बन के रह गया तन,
बचे हुये साहस का अब विस्तार करो
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
सूनी लगती है धरा जीवन सुबक गया है,
अन्धकार के डर से उजियारा दुबक गया है,
नय सूर्योदय से नयी उर्जा का संचार करो।
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
मानव ही शत्रु बना है मनवता का,
अन्श मिटाने चले हैं वो अब नेैतिकता का,
इन दुराचारी राक्षसों का संहार करो।
तुफानो से घिरा हूँ नौका पार करो।।
अब तो सुध लो राम उद्धार करो।।
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