मुलाकात शायरी | Mulakat shayari in hindi

मुलाकात शायरी | Mulakat shayari in hindi



हिंदी शायरी

मुलाकात शायरी

आपके नाम कर दी

✍  आपकी एक झलक देखने की कोशिश में हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आपके नाम कर दी,
ये भी मेरी चाहत की दिवानगी है यारों,
कि बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।


✍ क्या नशा था तेरी बातों में, नींद उड़ गई मेरी मुलाकातों में..
तुझ बिन अब रहा नहीं जाता मेरी जान, कब आओगी मेरी बाहों में।




✍    ये सच है कि हमें मिले सदियां हो गई है,
पर आज भी ये दिल उतना ही चाहता है तुम्हे,
जितना की पहली दफा मिलने पर चाहता था।


✍   साथ चलके थोड़ी दूर अब ये कदम क्यों लगे रूकने,
नज़रों से नज़रें मिलाकर अब ये क्यों लगे झुकने।


 ✍ तुम न समझोगे मेरे दिल की नादान हसरतें,
जाने क्यों ये चाहता है तुम्हारे ही आस-पास रहना।



जब दिल उदास हो हमसे बात कर लेना,
जब दिल चाहे मुलाकात कर लेना ,
रहतें हैं आपके दिल के किसी कोने में,
वक्त मिले तो तलाश कर लेना।



तेरे लबों को छू लूं वो शाम आ जाए,
तेरे साथ उम्र भर जीने का मौका मिल जाए
ये ज़िन्दगी तो है तेरी अमानत
बस मेरे नाम के साथ तेरा नाम आ जाए।



तुझसे हम नजदीकियां बढ़ाना चाहते हैं,
हां हम तुम्हें पाना चाहते हैं,
दुनिया भर की सारी तकलीफों से निकाल के,
तुझे उम्र भर हम हंसाना चाहते हैं।



"मन से चाहा है तुमको,तेरा दीदार करने की चाहत की है"
"काश कहीं मिल जाओ तुम,तुझे पाने की मैंने मन्नत की है" !!



मैं हर एक लम्हे में सदिया देखता हूँ,
तेरे साथ एक लम्हा ही बहुत है।



रोक कर बैठा हुआ हूँ ज़िन्दगी को,
कि तुम आओ तो जीना शुरू करें.!!!




इस दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होता,
तू दूर भी रह करके यूं पास नहीं होता,
इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसा ली है,
एक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नहीं होता।


तो क्या करोगे


कल तुम्हे फुरसत ना मिली तो क्या करोगे,
इतनी मोहलत ना मिली तो क्या करोगे,
रोज़ कहते हो कल बात करेंगे,
कल हमारी आँखें ही ना खुली तो क्या करोगे।



उन्होने पुछा कोन सा तोहफा पसंद है
मेने कहा वो मुलाकत जो कभी खतम ना हो।



✍  आंखें ही बयां करती हैं दिल में छुपे राज, क्यों तुमको यकीन मेरी आंखों पर नहीं है।


✍  कोई तो होगा जो इस कदर हमें चाहेगा,
कोई तो होगा जो बाहों में भर कर हमें सुलायेगा,
दुनिया भूल बैठेंगे उसके खातिर हम,
और ये दिल सिर्फ उनके लिए मुस्कुरायेगा।



तेरे नाम से दिन गुजरे,
तेरे नाम से शाम मेरी,
लंबी उमर जीने का नहीं सोचता मैं,
बस एक पल तेरे साथ जीने की ख्वाहिश मेरी।

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम है सत्येंद्र सिंह founder of ShreeGangasagar.com

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