जीना चाहता हूँ मगर जिंदगी रास नहीं आती,
मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती,
उदास हूं इस जिन्दगी से,
क्योंकि उसकी यादें भी तो तड़पाने से बाज नहीं आती।
✍ मंज़िल भी नहीं, ठिकाना भी नहीं,
वापस उनके पास जाना भी नहीं,
मैंने ही सिखाया था उन्हें तीर चलाना
और अब,💘
मेरे सिवा उनका कोई निशाना भी नहीं।💔💞
✍ मैं तेरा दिवाना हूं इस बात से मुझे इंकार नहीं,
कसूर तो तुम्हारी नजरों का है हम अकेले तो गुनहगार नहीं,
मेरी जुबां कुछ भी कहे दोस्तों,
मगर दिल कैसे कहे कि तुमसे प्यार नहीं।
✍ तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।
✍
तुम रूठो तो, तुम्हे मनाने आ जाएंगे
हम रूठे भी तो बताओ किस के भरोसे..
✍
किस बात पे रूठे हो,
नाराज लग रहे हो,
लगते हो जैसे हरदम,
ना आज लग रहे हो ।
✍
नाराजगी वहाँ मत रखिएगा मेरे यार,
जहाँ आपको खुद बताना पड़े ... आप नाराज हैं ...
✍
आदतें मजबूर कर देती हैं..
तझे उदास देख कर तेरी
खैरियत पूछने के लिए।
वरना कसम तो हमने खाई थी
कि किसी से बात ही नहीं करेंगे अब।
✍
रस्म एक खास
निभाना सीखो
किसी को अपना बनाना है तो
पहले उसका बन जाना सीखो
✍
न जाना इतना भी दूर कि हम आपसे मिल न पायें,
करते रहना याद हमें ,
कहीं आपके दिल से हम निकल न जायें।
✍
जरा दूर रहिये मुझसे....
टूटा हुआ हूँ....
चुभ जाऊंगा!
✍
कुछ दूर हमारे साथ चलो,
हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे ना जिसे तुम आखो से,
वो बात जुबानी कह देंगे ।
✍
तेरी खुशी के हज़ार ठिकाने होंगे
मेरी मुस्कान की वजह सिर्फ तुम हो।
✍
न जाने कब जायेगी ये आदत मेरी....
रूठना उनसे और उलझते गैरों से रहना।
✍
मेरी आवारगी को तुम नादानी न
समझना,
जुदा जो हूं मैं तुमसे.....
सिर्फ तुम्हारी खुशी के लिए।
✍
हर किसी को हम नहीं आजमाते,
हर किसी को हम नहीं सताते,
सताते हैं सिर्फ दिल में रहने वालों को,
गैरों की तरफ तो हम नजर भी नहीं उठाते।
✍
अब दिल पे लग जाती है हमारी बातें,
जो कहते थे,
तुम कुछ भी कहो अच्छा
लगता है।
✍
आओ कुछ देर जिक्र करे उन दीनो का,,,,
जब हम तुम्हारे और तुम हमारे थे ,,,,,
✍
तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे…
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया