यूपी के शहरों में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें; 11 शहरो में झांसी का नाम भी योजना में शामिल

यूपी के शहरों में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें; 11 शहरो में झांसी का नाम भी योजना में शामिल


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         ध्वनि और वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों को लाने की योजना पर काम करना प्रारम्भ कर दिया है। 20 जुलाई, मंगलवार को राज्य के शहरी विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने चार वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों के प्रोटोटाइप ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाई। लखनऊ के गोमतीनगर में 1090 क्रॉसिंग से चार इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल रन शुरू कर श्री आशुतोष टंडन ने बताया की एक महीने तक ट्रायल होने के बाद अन्य बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।

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क्या है योजना

       शहरी विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने जानकारी देते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न बड़े शहरों में 965 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 700 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जाने की योजना प्रस्तावित है। ये बसें वातानुकूलित और आरामदायक होने के साथ-साथ ध्वनि और वायु प्रदूषण से मुक्ती दिलाने मे अहम भूमिका निभाएँगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय FEMA (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles) योजना के तहत राज्य के 11 शहरों मे इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जायेगा। इसके साथ ही एक अन्य योजना के तहत यूपी सरकार अपने संसाधनों द्वारा तीन अन्य शहरों में 100 इलेक्ट्रिक बसें चलायेगी। इन बसों का किराया सामान्य बसों के समान रखा जायेगा जिससे कि अधिक से अधिक आम लोगों को सस्ती और आरामदायक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

किस शहर में कितनी बस

11 शहरों में बसों की संख्या इस प्रकार रहेगी -:

  • आगरा में (100),
  • कानपुर में (100),
  • लखनऊ में (100),
  • प्रयागराज में (50),
  • वाराणसी में (50),
  • गाजियाबाद में (50) 
  • मेरठ में (50),
  • झांसी में (25),
  • अलीगढ़ में (25),
  • मुरादाबाद में (25) और
  • बरेली में (25)

अन्य 3 शहरों में बसों की संख्या -:

  • गोरखपुर में (25),
  • शाहजहांपुर में (25) और
  • मथुरा-वृंदावन में (50) 

         बढ़ते हुए प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कई राज्य की सरकारों और भारत सरकार ने कई प्रयास शुरू किये हैं। इन्हीं प्रयासों में से एक है बड़े शहर में डीज़ल और पेट्रोल गाड़ियों से निकलने वाले धुएँ को कम करना। दिल्ली आदि में odd-even वाला फार्मूला भी इसीलिए लागू किया गया था।
सरकार ने इस प्रदूषण को कम करने के लिए डीज़ल बसों की बजाय इलेक्ट्रिक बसों को शहर में चलाने की योजना चलाई है। इलेक्ट्रिक वाहनों के बहुत से फायदे होने के साथ साथ कुछ नुकसान भी है
Shree Gangasagar

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम है सत्येंद्र सिंह founder of ShreeGangasagar.com

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