भारतीय संगीत के इस उस्ताद ने दुनिया को कहा अदविदा #rashidkhan

भारतीय संगीत के इस उस्ताद ने दुनिया को कहा अदविदा #rashidkhan

 9 जनवरी 2024: शास्त्रीय गायक, "पद्म श्री" और "पद्म भूषण" से सम्मानित संगीत उस्ताद राशिद खान का कोलकाता की एक अस्पताल में इलाज के दौरान 9 जनवरी 2024 को निधन हो गया। 

शास्त्रीय गायक, राशिद खान रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे और घराने के संस्थापक इनायत हुसैन खान के परपोते थे। उनका प्रोस्टेट कैंसर के लिए कोलकाता स्थित एक अस्पताल में इलाज चल रहा था और वही पर उन्होंने 9 जनवरी को अपनी अंतिम सांस ली। 

गौरतलब है कि संगीतकार खान वेंटिलेशन पर थे।  पिछले महीने सेरेब्रल अटैक के बाद उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ गई थी।

उस्ताद रशीद खान की मृत्यु पर शोक जताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "मैंने उनके निधन के बारे में सुना। यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं बहुत दर्द में हूं क्योंकि मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि राशिद खान नहीं रहे।"  

गायक राशिद खान के पार्थिव शरीर को आज शवगृह में रखा जाएगा। इसे बुधवार को रवीन्द्र सदन ले जाया जाएगा, जहां उनके प्रशंसक उन्हें अंतिम विदाई दे सकेंगे।

10 जनवरी को उनका अंतिम संस्कार करने से पहले खान को राजकीय सम्मान दिया जाएगा और बंदूक की सलामी के साथ सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।


संक्षिप्त परिचय:

उस्ताद राशिद खान एक प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्री संगीतज्ञ थे।  उनका संगीत का ज्ञान और उनकी शिक्षा परंपरा से जुड़े हुए थे।  उनकी गायकी में आक्रोश और सजीव भाषा की महत्ता का गहरा अहसास था।  

वह कहते थे कि उन्होंने अपने पेशे में कुछ बदलाव किए हैं, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य संगीत की परंपरा को जीवित रखना है।

  उस्ताद राशिद खान ने अपने संगीत सफर के दौरान कई बड़े संगीत समारोहों में हिस्सा लिया और अपनी अद्भुत गायकी से लोगों को प्रभावित किया। 

उनका ध्यान शास्त्रीय संगीत के अलावा ठुमरी, दादरा और ग़ज़ल जैसी शैलियों पर भी रहा है।  उनकी सुरीली आवाज और धुन उन्हें बेहद खास बनाती है।


  संगीत में उनका योगदान इतना महान है कि भारत सरकार ने उन्हें "पद्म श्री" और "पद्म भूषण" से सम्मानित किया है।  उस्ताद राशिद खान को अपने काम के लिए कई पुरस्कार और प्रशंसाएं मिली हैं।


  उस्ताद राशिद खान ने अपने करियर में कई प्रमुख रागों पर आधारित अलग-अलग गाने पेश किए हैं।  कुछ प्रसिद्ध राग और उनके गायन इस प्रकार हैं:

  1. राग यमन:

     - "भजमन राम चरण सुखदाई"

     - "भवानी दयानी"

  2. राग बिहाग:

     - "जगा जग जगत बीता"

     - "पहले से कहीं ज़्यादा पी लिया"

  3. राग देस:

     - "मोरा पिया घर आया"

     - "पिया तोरे नैना"

  4. राग दरबारी:

     - "मोरा सइयां बुलावे"

    - "आज जाने की जिद मत करो"

- आओगे जब तुम ओ साजना, अंगना फूल खिलेंगे

  ये तो कुछ प्रमुख उदाहरण हैं, लेकिन उस्ताद राशिद खान द्वारा लिखे गए और भी कई गाने हैं जो अलग-अलग रागों और भाषाओं पर आधारित हैं। उनकी बहुमुखी गायकी ने उन्हें संगीत प्रेमियों के दिलों में विशिष्ट जगह बना दी है।

Shree Gangasagar

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम है सत्येंद्र सिंह founder of ShreeGangasagar.com

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